भारत देश को आजादी के बाद एक जुट करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्हे लौह पुरूष भी कहा जाता है, जो देश प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री थे , उन्ही की याद मे बना है और उन्ही को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” Statue of Unity सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा |
इसे एकता की प्रतिमा’ (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) नाम इस लिये दिया क्योकि जब 1947 को भारत देश आजाद हुआ तब देश विभिन्न रियासतों मे बंटा इन रियासतों (राज्यों) के राजाओ से बात कर उन्हें एकजुट कर के भारत देश को एक बनाने में वल्लभ भाई पटेल का अहम् योगदान है |
समुद्र तल से 117 मीटर ऊपर गुजरात प्रदेश के नर्मदा ज़िले (केवाड़िया) में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी के साधु बेट टापू जो की विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच स्थित है पर बनाई जा रही सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा जो की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है प्रतिमा की लम्बाई 182 मीटर (597 फीट) और इसके निर्माण मे चार धातुओं का इस्तेमाल किया गया है जो की जंग विरोधी है इसमें 85% तांबा इस्तेमाल हुआ है, इसे इस तरह से बनाया गया है की 220-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाला तूफ़ान भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा और ये लगभग 6.5 तीव्रता वाले भूकम्प को भी झेल सकती है, इसके निर्माण मे 25000 टन लोहे और 90000 टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है |
इस प्रतिमा की ऊंचाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की इसे 7-8 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे जाती है | यह सरोवर बांध से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित है सरोवर बांध नर्मदा नदी पर बना आखरी बांध है, क्योकि इससे आगे जाने के बाद नर्मदा नदी भरुच के पास समुद्र मे मील जाती है |
2013 मे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय 31 अक्टूबर 2013 (सरदार वल्लभभाई पटेल की 138 जयंती पर ) उन्होंने इस प्रतिमा की आधारशिला रखी थी , 31 अक्टूबर 2018 को वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे |
प्रतिमा को बनने मे 5 साल का समय लगा जिसमे 250 इंजीनियर 3400 कारगीर ने दिन रात की मेहनत से तैयार करा है इसमें लगभग 200 चीन के कारगीर ने भी सहयोग करा है , प्रतिमा को बनाने वाले शिल्पकार पद्मश्री राम सुथार और उनके बेटे अनिल सुथार का भी विशेष योगदान है इससे पहले भी वे सैकड़ों प्रतिमाएं बना चुके हैं |
इसे बनाने मे 2389 करोड़ रुपये का खर्चा आया , इसका निर्माण एल.एंड.टी कंपनी (L&T) Larsen & Toubro ने करा है | यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा तो है ही साथ ही सबसे कम समय में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है |
प्रतिमा मे लगी लिफ्ट से प्रतिमा के दिल (ह्दय) तक जाया जा सकता है जिसमे बनी गैलरी से पर्यटक सरदार सरोवर बांध और विंध्याचल व सतपुड़ा की पहाड़ियों का आनंद ले पाएँगे |
प्रतिमा के साथ-साथ यहाँ एक म्यूजियम, गार्डन भी रहेगा और पर्यटक यहाँ बोटिंग का आनंद भी ले पाएंगे |
दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियां
नाम / Name | देश / Country | ऊंचाई मीटर मे / Height in meter | |
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (वल्लभ भाई पटेल प्रतिमा ) | India (भारत) | 182 मीटर (597 फीट) |
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स्प्रिंग टैम्पल (बुद्ध प्रतिमा) | China (चीन) | 153 मीटर (502 फीट) |
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उशिकु दायबुत्सु (बुद्ध प्रतिमा) | Japan (जापान) | 120 मीटर (390 फीट) |
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Statue of Liberty स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी | USA (अमेरिका) | 93 मीटर (305 फीट) |
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The Motherland Calls | Russia (रूस) | 85 मीटर (278 फीट) |
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Christ the Redeemer | Brazil (ब्राज़ील) | 38 मीटर (124 फीट) |