जब आनंद बख्शी ने गाया गाना…

लगभग दो दर्जन संगीतकारों के साथ काम कर चुके ओर सैकड़ो हजारो गाने लिख चुके गीतकार “आनंद बख्शी” को गीत लिखने का शौक तो था ही, साथ ही वो बहुत अच्छा गाते भी थे | 21 जुलाई 1930 को रावलपिंडी (जो की अब पाकिस्तान में है ) मे जन्मे आनंद बख्शी को बचपन से ही गाने का शौक था |

बिंदिया चमकेगी, चूड़ी खनकेगी जैसे सुपरहिट गाना लिखने वाले बख्शी साहब दो संगीतकारों के लिये गाया भी है | जी हा दोस्तों क्या आपको पता है गीतकार बख्शी साहब ने दो अपने ही लिखे गीत गाये है ?

बख्शी साहब को जब किसी धुन पर गीत लिखते, लिखते-लिखते साथ मे उस धुन को गुनगुनाया भी करते शायद इसी कारन लिखे हर गीत सुपर हिट है |

बख्शी साहब को पहला गीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने गवाया, दोस्तों बख्शी साहब लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के लिए कई फिल्मो के गाने लिखे |

साल 1972 मोहन कुमार के निर्देशन मे बनीं फिल्म “मोम की गुड़िया” जिसका संगीत दिया था लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ओर गीत लिखे थे बख्शी साहब ने, ओर इसी फिल्म मे बख्शी साहब ने अपना ही लिखा गाना गाया वो भी लता जी के साथ, जब लता जी को गाने के लिए लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने बुलाया तो उन्होंने पूछा इस गाने में मेरे साथ ओर कौन गा रहा है इस पर लक्ष्मीकांत बोले बख्शी साहब तो लता जी को लगा वो मज़ाक कर रहे है | लेकिन जब रिकॉडिंग हुई तो बख्शी साहब ही थे साथ मे | ओर वो गाना ये था…

बागों में बहार आई, होठों पे पुकार आई
आजा, आजा, आजा, आजा मेरी रानी..

जितना खुबसूरत ये गाना लिखा है, उतना ही अच्छा इसे बख्शी साहब ओर लता जी ने गाया है ओर साथ मे हो लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धुन तो गाना सुपर हिट ही बनता है |

अगर आप ने ये गाना सुना नहीं है, तो अभी बख्शी साहब ओर लता जी सुनये…

आप को ये किस्सा केसा लगा आप निचे कमेटं बॉक्स मे लिख सकते हो….

धन्यवाद जय हिन्द

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